Zoho के संस्थापक श्रीधर वेंबु का बायोग्राफी

Zoho Corporation के संस्थापक श्रीधर वेंबु का बायोग्राफी 


भारत के शीर्ष नेताओं ने स्वदेशी ऐप को प्रयोग करने को कहा तो एक ऐप, Arattai ने भारत में ऐप स्टोर को Social Media की श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल कर लिया।

जिस ऐप पर अगस्त तक केवल 3000 लोग ही एक्टिव थे आज के दिन 5 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया 
यह एक स्वदेशी ऐप Arattai मैसेंजर ,जो भारत में धमाल मचा रहा है । 
लोग कह रहे हैं यह भारत में व्हाट्सएप का एक विकल्प है।
Arattai का तमिल में अर्थ है - गपशप या आकस्मिक बातचीत ।


कौन है श्रीधर वेंबु :- 

श्रीधर वेंबु का जन्म तमिलनाडु के तंजौर जिले में सन 1968 ईस्वी में एक साधारण परिवार में हुआ था , 

जहां बड़े सपना देखना भी किसी विलासिता से काम नहीं था , पर छोटे से इस गांव में जन्मे श्रीधर बंबू के सपने आसमान से भी ऊंचे थे ...

उन्होंने 1989 में IIT मद्रास से इंजीनियरिंग की ,फिर अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से एम0ए0 और पीएचडी की,
और अमेरिका में ही सिलिकॉन वैली में क्वालकॉम के बतौर वायरलेस इंजीनियर के पद पर भी काम किया।

वहां उन्हें सब कुछ मिला - नाम मिला ,धन मिला, अवसर मिला, शोहरत मिली। 
लेकिन उनका दिल अब भी अपने देश की मिट्टी में धड़कता रहा ।

27 मई 1996 में अमेरिका में ही उन्होंने अपने भाई और दोस्तों के सहयोग से Advent Net कंपनी की शुरुआत किए, जिसे 2009 में नाम बदलकर Zoho कॉपरेशन रख दिया।

जो आज भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में से एक है
जिसकी वैल्यू 1 लाख करोड़ से भी ज्यादा है 
उन्होंने Zoho Schools of Learning खोली, जहां बिना डिग्री वाले छात्रों को ट्रेनिंग मिलती है और वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनते हैं।

आज Zoho के लाखों यूज़र हैं, 15,000+ कर्मचारी हैं और कंपनी दुनिया भर में फैली हुई है।

श्रीधर वेंबु की हर सफलता में Made In India झलकता है।
हर कोड में भारत की खुशबू महकती है ।




श्रीधर वेंबु का कहना है - "अगर गांव मजबूत होंगे तो भारत दुनिया में सर उठाकर खड़ा होगा,"
इसलिए उन्होंने Joho के ऑफिस अपने गांव माथलमपराई में खोला,
जहां पहले खेती होती थी अब वहीं से दुनिया के बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर बनते हैं ।
- 9 अक्टूबर 2024 के Forbs द्वारा जारी 100 सबसे अमीर उद्योगपतियों में से 5.8 बिलियन डॉलर के साथ  श्री धर वेंबु जी 51 वे स्थान पर रहे।
फिर भी कहा जाता है श्रीधर वेंबु आज भी महंगी कारों नहीं , बल्कि कभी-कभी साइकिल से अपने ऑफिस पर जाते हैं, 
ना कोई सुरक्षा ,न कोई दिखवा,
बस एक सादा इंसान जो मानता है की विनम्रता ही असली संपत्ति है।

श्रीधर वेंबु की उपलब्धि ( सम्मान):- 


- 72 वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर 2021 में भारत सरकार द्वारा पदम श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
- इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा "एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर, तमिलनाडु" पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

श्रीधर वेंबु से सीख:- 

कभी साइकिल से चलने वाला व्यक्ति आज सॉफ्टवेयर की दुनिया का सम्राट है,

पर उन्होंने हमें सिखाया की सफलता ऊंचाई से नहीं सोच से मापी जाती है। 

श्रीधर वेंबु ने साबित कर दिया। 

बड़े सपने देखने के लिए शहर नहीं, बस सच्ची नियत और साफ सोच होनी चाहिए ।

तो दोस्तों अबवक आ गया हम सभी स्वदेशी चीजों पर काम करें और स्वदेशी चीजों का प्रमोट करें ,
आज ही Arattai App डाउनलोड करें..

अपने दोस्तों, परिवार और सभी के साथ शेयर करें,
क्योंकि हर बार जब आप स्वदेशी ऐप इस्तेमाल करेंगे,
आप भारत को डिजिटल रूप से मजबूत बना रहे हैं। 💪





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