सर्वेश ने रचा इतिहास | 251 कविताओं की ‘पद्यांजलि’ से बनाया विश्व रिकॉर्ड
प्रतापगढ़ के रानीगंज तहसील के प्रीतम तिवारीपुर गांव के रहने वाले अर्पित सर्वेश ने वो कर दिखाया है जो अब तक किसी ने नहीं किया था।
अर्पित सर्वेश ने अपनी नई किताब ‘पद्यांजलि’ में 251 कविताएँ लिखी हैं — और इसी के साथ उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बना दिया है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि रवीन्द्रनाथ टैगोर की मशहूर किताब गीतांजलि में जहाँ 153 कविताएँ थीं, वहीं अर्पित सर्वेश ने उससे भी ज़्यादा कविताएँ लिखकर एक नया इतिहास रच दिया।
उनकी ये किताब सिर्फ कविताओं का संग्रह नहीं है, बल्कि भावनाओं, विचारों और संस्कृति का संगम है।
‘पद्यांजलि’ में ज़िंदगी के हर पहलू को खूबसूरती से शब्दों में पिरोया गया है — प्यार, समाज, इंसानियत और उम्मीद, सब कुछ इस किताब में झलकता है।
इस बड़ी उपलब्धि के लिए Times of Uncover ने अर्पित सर्वेश का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लिया, जहाँ उन्होंने अपनी लेखन यात्रा और प्रेरणाओं के बारे में खुलकर बात की।
अर्पित सर्वेश केवल हिंदी में ही नहीं, बल्कि कुर्दिश भाषा में पुस्तक लिखने वाले पहले भारतीय लेखक भी बन गए हैं।
इतना ही नहीं, उनकी यह पुस्तक सिर्फ एक दिन में 17 भाषाओं में प्रकाशित हुई — जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है।
इंटरव्यू के दौरान अर्पित ने बताया कि अब तक वे 19 भाषाओं में 24 किताबें लिख चुके हैं, और उनके नाम Champion Book of World Records में दर्ज है।
इसके साथ ही उन्हें International World Record Icon 2024 के सम्मान से भी नवाज़ा गया है।
अर्पित सर्वेश ने यह साबित कर दिया कि अगर जुनून सच्चा हो और मेहनत दिल से की जाए, तो शब्द भी इतिहास बना सकते हैं।
उनकी ये यात्रा हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है।
“पद्यांजलि – शब्दों में जीवन का सार, भावों में मानवता की पुकार।”

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