उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा,सामने आई बड़ी वजह

 जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा, आई सामने सबसे बड़ी वजह !


भारत के 14 में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विशेष रूप से मानसून सत्र के पहले दिन ही अपने स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से 21 जुलाई 2025 को  उपराष्ट्रपति से इस्तीफा दे दिया ।

 आर्टिकल 67(a) के अंतर्गत स्वास्थ्य सुधार हेतु चिकित्सीय सलाह के आधार पर तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दिया जिनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था।

 पत्र में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं सांसदों को धन्यवाद व्यक्त किया 
 उपराष्ट्रपति का चुनाव अगस्त 2022 में हुई जिसका शपथ जगदीप धनखड़ जी ने 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति पद को ग्रहण किया।



जगदीप धनखड़ का प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा:- 


18 मई 1951, गाँव किठाना, झुंझुनू जिला, राजस्थान में जगदीप धनखड़ का एक किसान के परिवार में जन्म होता है ,
उनकी प्राथमिक शिक्षा किठाना गांव के स्कूल में हुई। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की और फिर राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1978 में उन्होंने जयपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी कोर्स में एडमिशन लिया। कानून की डिग्री लेने के बाद जगदीप धनखड़ ने वकालत शुरू कर दी और साल 1990 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का ओहदा दिया गया। जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के कई हाईकोर्टों में वकालत की प्रैक्टिस की। 


🏛 राजनैतिक कैरियर :- 


• लोकसभा सांसद (झुंझुनू, 1989–91) जनता दल से  

• केंद्रीय राज्य मंत्री (संसदीय कार्य), चंद्रशेखर सरकार (1990–91)  

• राजस्थान विधानसभा सदस्य (किशनगढ़, 1993–98)  

• पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (30 जुलाई 2019 – 18 जुलाई 2022)  

निष्कर्ष:- 


जगदीप धनखड़, एक अनुभवी वकील और राजनेता, जिन्होंने राजस्थान से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक विभिन्न स्तरों पर अपनी पहचान बनाई। 2022 में उपराष्ट्रपति पद के लिए रिकॉर्ड वोटों से निर्वाचित हुए, लेकिन 2025 में स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए इस्तीफ़ा दे दिया।
                                    
                                    







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